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#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - वक्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूर कर देता है, कौन चाहता है अपने से दूर होना, लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है ! नीति वक्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूर कर देता है, कौन चाहता है अपने से दूर होना, लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है ! नीति - ShareChat

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