ॐ श्री लक्ष्मी-नारायणाय नमः — एक ऐसा संक्षिप्त मंत्र जो देवी लक्ष्मी (समृद्धि) और नारायण/विष्णु (रक्षा एवं स्थिरता) के संयुक्त रूप का प्रतीक है, और पारंपरिक ग्रंथों में इन्हें वैकुंठ का दम्पति रूप माना गया है। इस मंत्र की परंपरागत प्रैक्टिस व्यापार, धन और पारिवारिक स्थिरता के लिए लोकप्रिय रही है क्योंकि लक्ष्मी समृद्धि और नारायण संरक्षा दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैज्ञानिक नजरिए से, नियमित मंत्र-उच्चारण (विशेषकर ‘ॐ’ जैसे ध्वनियों सहित) स्वायत्त तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालकर पैरासिंपैथेटिक सक्रियता बढ़ाता है — जिसके वैज्ञानिक अध्ययन में तनाव घटने, हृदय-ताल (HRV) में सकारात्मक परिवर्तन और मानसिक शांति के संकेत रिपोर्ट हुए हैं; इसलिए वही धार्मिक अर्थ (धन+स्थिरता) तर्कसंगत रूप से मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लाभों से भी जुड़ता दिखता है। इसलिए यदि आप रोज़ाना सांस-समन्वय के साथ 108 बार या निश्चित अभ्यास करते हैं तो मानसिक फोकस, भावनात्मक संतुलन और निर्णय-स्थिरता में सुधार का वैज्ञानिक मौका बनता है — और यही कारण है कि परंपरा में इसे समृद्धि और दीर्घकालिक स्थायित्व का मंत्र माना गया है। 🔔🙏✨ #ॐश्रीलक्ष्मीनारायणायनमः #LakshmiNarayana #समृद्धि #स्थिरता #MantraScience @priya shree @Laxmi Bai #3d same to same blender like created Om shree laxmi narayan namah #🚗🧗🏻भारत भ्रमण व सफर प्रेमी🚂⛰ #✈Last travel memories😎 #viral #बम - बम भोले

