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🌹सोच ही जीवन आधार🌹 🙏🙏🙏 तीन राहगीर रास्ते पर एक पेड़ के नीचे मिले | तीनो लम्बी यात्रा पर निकले थे | कुछ देर सुस्ताने के लिए पेड़ की घनी छाया में बैठ गए | तीनो के पास दो झोले थे एक झोला आगे की तरफ और दूसरा पीछे की तरफ लटका हुआ था | तीनो एक साथ बैठे और यहाँ-वहाँ की बाते करने लगे जैसे कौन कहाँ से आया? कहाँ जाना हैं? कितनी दुरी हैं ? घर में कौन कौन हैं ?ऐसे कई सवाल जो अजनबी एक दुसरे के बारे में जानना चाहते हैं | तीनो यात्री कद काठी में सामान थे पर सबके चेहरे के भाव अलग-अलग थे | एक बहुत थका निराश लग रहा था जैसे सफ़र ने उसे बोझिल बना दिया हो | दूसरा थका हुआ था पर बोझिल नहीं लग रहा था और तीसरा अत्यन्त आनंद में था | एक दूर बैठा महात्मा इन्हें देख मुस्कुरा रहा था | तभी तीनो की नजर महात्मा पर पड़ी और उनके पास जाकर तीनो ने सवाल किया कि वे मुस्कुरा क्यूँ रहे हैं | इस सवाल के जवाब में महात्मा ने तीनो से सवाल किया कि तुम्हारे पास दो दो झोले हैं इन में से एक में तुम्हे लोगो की अच्छाई को रखना हैं और एक में बुराई को बताओ क्या करोगे ? एक ने कहा मेरे आगे वाले झोले में, मैं बुराई रखूँगा ताकि जीवन भर उनसे दूर रहू | और पीछे अच्छाई रखूँगा | दुसरे ने कहा- मैं आगे अच्छाई रखूँगा ताकि उन जैसा बनू और पीछे बुराई ताकि उनसे अच्छा बनू | तीसरे ने कहा मैं आगे अच्छाई रखूँगा ताकि उनके साथ संतुष्ट रहूँ और पीछे बुराई रखूँगा और पीछे के थैले में एक छेद कर दूंगा जिससे वो बुराई का बोझ कम होता रहे हैं और अच्छाई ही मेरे साथ रहे अर्थात वो बुराई को भूला देना चाहता था | यह सुनकर महात्मा ने कहा – पहला जो सफ़र से थक कर निराश दिख रहा हैं जिसने कहा कि वो बुराई सामने रखेगा वो इस यात्रा के भांति जीवन से थक गया हैं क्यूंकि उसकी सोच नकारात्मक हैं उसके लिए जीवन कठिन हैं | दूसरा जो थका हैं पर निराश नहीं, जिसने कहा अच्छाई सामने रखूँगा पर बुराई से बेहतर बनने की कोशिश में वो थक जाता हैं क्यूंकि वो बेवजह की होड़ में हैं | तीसरा जिसने कहा वो अच्छाई आगे रखता हैं और बुराई को पीछे रख उसे भुला देना चाहता हैं वो संतुष्ट हैं और जीवन का आनंद ले रहा हैं |इसी तरह वो जीवन यात्रा में खुश हैं | निष्कर्ष:-- जीवन में जब तक व्यक्ति दूसरों में बुराई को ढूंढेगा वो खुश नहीं रह सकता, जीवन भी एक यात्रा हैं जिसमे सकारात्मक सोच जीवन को ख़ुशहाल बनाती हैं | जीवन में क्रोध सबसे बड़ा बोझ हैं और क्षमा सबसे सुन्दर और सरल रास्ता जो जीवन को बोझहीन बनाता हैं |* मंगलमय प्रभात प्रणाम #❤️जीवन की सीख #❤️Love You ज़िंदगी ❤️ #👫 हमारी ज़िन्दगी #👍 सफलता के मंत्र ✔️ #☝अनमोल ज्ञान
❤️जीवन की सीख - happ4 Choughcr TIi Tcj Gyn विचारों के साथ आसक्त होकर इंसान उनका शिकार है। विचारों के शिकार नहीं, बन जाता सूत्रधार (साक्षी ) बनें। happ4 Choughcr TIi Tcj Gyn विचारों के साथ आसक्त होकर इंसान उनका शिकार है। विचारों के शिकार नहीं, बन जाता सूत्रधार (साक्षी ) बनें। - ShareChat

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