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#✍प्रेमचंद की कहानियां #📚कविता-कहानी संग्रह #✍मेरे पसंदीदा लेखक #❤️जीवन की सीख #📗प्रेरक पुस्तकें📘
✍प्रेमचंद की कहानियां - ೫೯  जियरा के पास र ह ता। कहां केहू खुद में बेसास र ह ता। सब उठि गइल जब से देवाल अंगना में, पीपल पुरनका उदास र ह ता। कहे के सब केहू अपने बा लेकिन, मनवा में नेह के बनवास र ह ता। महुराए के खातिर त नइखे मुहूरत, हंसे खातिर खाली खरवास र ह ता। ऊपर से अदमी हो जाता पबीतर, अन्दरवा त कूस कंजास र ह ता। कुछु न मिलल समुंदर किनारे, अंजुरी भर पानी के तलाश र ह ता। ೫೯  जियरा के पास र ह ता। कहां केहू खुद में बेसास र ह ता। सब उठि गइल जब से देवाल अंगना में, पीपल पुरनका उदास र ह ता। कहे के सब केहू अपने बा लेकिन, मनवा में नेह के बनवास र ह ता। महुराए के खातिर त नइखे मुहूरत, हंसे खातिर खाली खरवास र ह ता। ऊपर से अदमी हो जाता पबीतर, अन्दरवा त कूस कंजास र ह ता। कुछु न मिलल समुंदर किनारे, अंजुरी भर पानी के तलाश र ह ता। - ShareChat

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