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#✍️ अनसुनी शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - क्रोध को कभी क्रोध समाप्त न कर पाया, शक्ति को भी शिव ने, सदैव झुककर मनाया है.. नारी तू नारायणी क्रोध को कभी क्रोध समाप्त न कर पाया, शक्ति को भी शिव ने, सदैव झुककर मनाया है.. नारी तू नारायणी - ShareChat

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