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#प्रकृति का उपहार
प्रकृति का उपहार - सुप्रभात सबसे महत्वपूर्ण होता है ' कल पंखे सगे थे॰ आज कम्बल अपना सा लगने लगा है॰. जो मटर आज १२०/ किलो है, कुछ दिनों बाद २०/ किलो मिलेंगे. . लेकिन आज जो वक्त मिला है उसमें अपने अंदर बैठे शक्ति से परिचय नहीं हुआ तो बाद में मुमकिन ही नहीं।समय का कदर करना जरूरी है॰. सुप्रभात सबसे महत्वपूर्ण होता है ' कल पंखे सगे थे॰ आज कम्बल अपना सा लगने लगा है॰. जो मटर आज १२०/ किलो है, कुछ दिनों बाद २०/ किलो मिलेंगे. . लेकिन आज जो वक्त मिला है उसमें अपने अंदर बैठे शक्ति से परिचय नहीं हुआ तो बाद में मुमकिन ही नहीं।समय का कदर करना जरूरी है॰. - ShareChat

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