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#🤗 हिन्दी दिवस 💖 #📚कविता-कहानी संग्रह #📙हिन्दी साहित्य-साहित्यकार✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #📓 हिंदी साहित्य
🤗 हिन्दी दिवस 💖 - कविता न चादर बड़ी कीजिये न ख्वाहिशें दफन कीजिये चार दिन की ज़िन्दगी है, बस चैन से बसर कीजिये. . न परेशान किसी को कीजिये न हैरान किसी को कीजिये कोई लाख गलत भी बोले बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये... न रूठा किसी से कीजिये न झूठा वादा किसी से कीजिये कुछ फुरसत के पल निकालिये कभी भी मिला कीजिये खुद से कविता न चादर बड़ी कीजिये न ख्वाहिशें दफन कीजिये चार दिन की ज़िन्दगी है, बस चैन से बसर कीजिये. . न परेशान किसी को कीजिये न हैरान किसी को कीजिये कोई लाख गलत भी बोले बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये... न रूठा किसी से कीजिये न झूठा वादा किसी से कीजिये कुछ फुरसत के पल निकालिये कभी भी मिला कीजिये खुद से - ShareChat

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