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✍️ साहित्य एवं शायरी - सब्र ये है कि कुछ कहते नहीं हम किसी को, 7/ ताज्जुब ये है कि लोग फिर भी खफा रहते हैं... ' 100 सब्र ये है कि कुछ कहते नहीं हम किसी को, 7/ ताज्जुब ये है कि लोग फिर भी खफा रहते हैं... ' 100 - ShareChat

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