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#om shanti #om shanti
om shanti - जागो जागो पहचानो समय మ धरती पर भगवान आए हैं। दिव्य गुण दिव्य नाम মিল परमात्मा शिव ज्योति स्वरूप ह INCORPOREL GOD SHIV HIS TTRIUUTES ज्ञान के सागर शिव 4 e 1 1 96 " = 1 ^ > % दिव्य रूप 1 पवित्रता के सागर 4 శ # ಪ ೫೬ 4 ज्योतिबिन्दु  शान्ति क सागर ৭ ডামে   م  निवास स्थान 74== మ प्रेम के सागर சசள परमधाम -7 सुख के सागर  { ೦೯ दिव्य कर्त्तव्य 8~5 4 आनन्द के सागर ब्रह्मा द्वारा स्थापना 43 ೩ विष्णु 7 द्वारा पालना = शक्तियों के भण्डार E 9 ५  शंकर द्वारा विनाश  खुशखबरी परमपिता परमात्मा शिव द्वारा आत्माओं को ईश्वरीय स्नेह सहित निमंत्रण प्रिय वत्सो , तुमने मुझे ढूँढ़ने के लिए जप-तप किये , मंत्र पढ़़े, यज्ञ किये, फिर भी कहा, मेरा मन भटकता है और स्वयं को शान्ति , प्रेम को बाह्य चीज़ों में ढूँढ़ते रहे। अब मैं स्वयं आया हूँ । खुशी , मुझे पहचानो और मुझसे सर्व संबंध जोड़कर मेरी सर्वशक्तियों और गुणों का उत्तराधिकार पा लो। मैं तुम सब आत्माओं का निराकार परमपिता शिव परमात्मा प्रजापिता ब्रह्मा के तन में प्रविष्ट होकर ज्ञान-योग की शिक्षा दे रहा हूँ | अतः अब आने वाली सतयुगी दुनिया में देवी- देवता पद  पाने के लिए अपने को आत्मा समझ मुझ निराकार परमपिता शिव परमात्मा को याद करो और पावन बनो। हे वत्सो! समय कम है, आलस्य , अलवेलापन ठीक नहीं , याद रखो ' अव नहीं तो कभी नहीं। ' Learn Rajyoga Meditation Course Write OM SHANTI at +91 7404907974| जागो जागो पहचानो समय మ धरती पर भगवान आए हैं। दिव्य गुण दिव्य नाम মিল परमात्मा शिव ज्योति स्वरूप ह INCORPOREL GOD SHIV HIS TTRIUUTES ज्ञान के सागर शिव 4 e 1 1 96 = 1 ^ > % दिव्य रूप 1 पवित्रता के सागर 4 శ # ಪ ೫೬ 4 ज्योतिबिन्दु  शान्ति क सागर ৭ ডামে   م  निवास स्थान 74== మ प्रेम के सागर சசள परमधाम -7 सुख के सागर  { ೦೯ दिव्य कर्त्तव्य 8~5 4 आनन्द के सागर ब्रह्मा द्वारा स्थापना 43 ೩ विष्णु 7 द्वारा पालना = शक्तियों के भण्डार E 9 ५  शंकर द्वारा विनाश  खुशखबरी परमपिता परमात्मा शिव द्वारा आत्माओं को ईश्वरीय स्नेह सहित निमंत्रण प्रिय वत्सो , तुमने मुझे ढूँढ़ने के लिए जप-तप किये , मंत्र पढ़़े, यज्ञ किये, फिर भी कहा, मेरा मन भटकता है और स्वयं को शान्ति , प्रेम को बाह्य चीज़ों में ढूँढ़ते रहे। अब मैं स्वयं आया हूँ । खुशी , मुझे पहचानो और मुझसे सर्व संबंध जोड़कर मेरी सर्वशक्तियों और गुणों का उत्तराधिकार पा लो। मैं तुम सब आत्माओं का निराकार परमपिता शिव परमात्मा प्रजापिता ब्रह्मा के तन में प्रविष्ट होकर ज्ञान-योग की शिक्षा दे रहा हूँ | अतः अब आने वाली सतयुगी दुनिया में देवी- देवता पद  पाने के लिए अपने को आत्मा समझ मुझ निराकार परमपिता शिव परमात्मा को याद करो और पावन बनो। हे वत्सो! समय कम है, आलस्य , अलवेलापन ठीक नहीं , याद रखो ' अव नहीं तो कभी नहीं। ' Learn Rajyoga Meditation Course Write OM SHANTI at +91 7404907974| - ShareChat

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