#💞Heart touching शायरी✍️ "राहें थीं गुमनाम सफ़र था बेनाम सा,
मंज़िल का रंग भी था कुछ हरा और जाम सा।
हर ठोकर ने दी एक नई पहचान,
सपनों को मिला जब खुशियों का आयाम सा।
संघर्ष की स्याही से लिखा है ये फ़साना,
अब हर सवेरा लगता है नूर के पैगाम सा।
रंग जितने बिखरे उतना निखरा है वजूद,
हर रंग में समाया है जश्न-ए-जीत अंजाम सा।।"
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