ShareChat
click to see wallet page
#satnam waheguru
satnam waheguru - Hukmnama 19/11/25 धन धनश्री गुरु रामदास जी 639 /मंघर सतिगुर सोरठि महला ५ घरु १ असटपदीआ 98 प्रसादि II सभु जगु जिनहि उपाइआ भाई करण कारण समरथु II जीउ पिंडु जिनि साजिआ भाई दे करि अपणी वथु II किनि कहीऐ किउ देखीऐ भाई करता एकु अकथु II गुरु गोविंदु सलाहीऐ भाई जिस ন আাঐ নথু IIহII अर्थः हे भाई!़ जिस परमात्मा ने आप ही सारा जगत पैदा किया है, जो सारे जगत का मूल है, जो सारी शक्तियों का मालिक है, जिसने अपनी वस्तु (क्षमता) दे के (मनुष्य की) जीवात्मा और शरीर पैदा किए हैं, वह कर्तार (तो) किसी भी पक्ष से बयान नहीं किया जा सकता। हे भाई उस कर्तार का रूप बताया नहीं जा सकता। उसे कैसे देखा जाए? हे भाई! गोबिंद के रूप गुरु की कीर्ति करनी चाहिए, क्योंकि गुरु से ही सारे जगत के मूल परमात्मा की सूझ पड़ सकती है।१ | Hukmnama 19/11/25 धन धनश्री गुरु रामदास जी 639 /मंघर सतिगुर सोरठि महला ५ घरु १ असटपदीआ 98 प्रसादि II सभु जगु जिनहि उपाइआ भाई करण कारण समरथु II जीउ पिंडु जिनि साजिआ भाई दे करि अपणी वथु II किनि कहीऐ किउ देखीऐ भाई करता एकु अकथु II गुरु गोविंदु सलाहीऐ भाई जिस ন আাঐ নথু IIহII अर्थः हे भाई!़ जिस परमात्मा ने आप ही सारा जगत पैदा किया है, जो सारे जगत का मूल है, जो सारी शक्तियों का मालिक है, जिसने अपनी वस्तु (क्षमता) दे के (मनुष्य की) जीवात्मा और शरीर पैदा किए हैं, वह कर्तार (तो) किसी भी पक्ष से बयान नहीं किया जा सकता। हे भाई उस कर्तार का रूप बताया नहीं जा सकता। उसे कैसे देखा जाए? हे भाई! गोबिंद के रूप गुरु की कीर्ति करनी चाहिए, क्योंकि गुरु से ही सारे जगत के मूल परमात्मा की सूझ पड़ सकती है।१ | - ShareChat

More like this