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#रैनी चढ़ी रसूल की
रैनी चढ़ी रसूल की - रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ। जिसके कपरे रंग दिए सो धन धन वाके भाग। | खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग। जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग। | चकवा चकवी दो जने इन मत मारो कोय। ये मारे करतार के रैन बिछोया होय। । खुसरो ऐसी पीत कर जैसे हिन्दू जोय। पूत पराए कारने जल जल कोयला होय।। हिन्दू जन 1 खुसरवा दर इश्क बाजी कम जि माबाश| कज़ बराए मुर्दा मा सोज़द जान एनखेस रा।। उजवल बरन अधीन तन एक चित्त दो ध्यान। देखत में तो साधु है पर निपट पाप की खान।। श्याम सेत गोरी लिए जनमत भई अनीत। एक पल में फिर जात है जोगी काके मीत। | पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव। मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखान भाव।। नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय। रैनी चढ़ी रसूल की सो रंग मौला के हाथ। जिसके कपरे रंग दिए सो धन धन वाके भाग। | खुसरो बाजी प्रेम की मैं खेलूँ पी के संग। जीत गयी तो पिया मोरे हारी पी के संग। | चकवा चकवी दो जने इन मत मारो कोय। ये मारे करतार के रैन बिछोया होय। । खुसरो ऐसी पीत कर जैसे हिन्दू जोय। पूत पराए कारने जल जल कोयला होय।। हिन्दू जन 1 खुसरवा दर इश्क बाजी कम जि माबाश| कज़ बराए मुर्दा मा सोज़द जान एनखेस रा।। उजवल बरन अधीन तन एक चित्त दो ध्यान। देखत में तो साधु है पर निपट पाप की खान।। श्याम सेत गोरी लिए जनमत भई अनीत। एक पल में फिर जात है जोगी काके मीत। | पंखा होकर मैं डुली, साती तेरा चाव। मुझ जलती का जनम गयो तेरे लेखान भाव।। नदी किनारे मैं खड़ी सो पानी झिलमिल होय। - ShareChat

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