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शेर एज़ाज #✒ शायरी
✒ शायरी - फ़ितरत के तक़ाज़े कभी बदले नहीं जाते अगरवो तो बिखरना ख़ुश्बू है  ही पड़ेगा एज़ाज सुशील महता फ़ितरत के तक़ाज़े कभी बदले नहीं जाते अगरवो तो बिखरना ख़ुश्बू है  ही पड़ेगा एज़ाज सुशील महता - ShareChat

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