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#❤️जीवन की सीख #🎤 महफिल ए शायरी #💞Heart touching शायरी✍️ #💓 दिल के अल्फ़ाज़ #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
❤️जीवन की सीख - बचपन खरीद रहा था ग़ुब्बारे 095, बेच रहा था गुब्बारे 085, कच्ची उम्र दोनों की মী থী बराबर लगभग जी रहा था बचपन एक बेच रहा था। = बचपन एक 1 = = ٤ बचपन खरीद रहा था ग़ुब्बारे 095, बेच रहा था गुब्बारे 085, कच्ची उम्र दोनों की মী থী बराबर लगभग जी रहा था बचपन एक बेच रहा था। = बचपन एक 1 = = ٤ - ShareChat

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