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#महफ़िल-ए-शायरी 💔✍️ #✍️अनकही दिल की बात #✍️ अनसुनी शायरी #📝 अधूरे अल्फाज़
महफ़िल-ए-शायरी 💔✍️ - मैं तो मौजूद था रातों में उजालों की तरह , 0 तुमने ढूंढा ही नहीं , ढूंढने वालो की तरह . talash_zindagi_kil मैं तो मौजूद था रातों में उजालों की तरह , 0 तुमने ढूंढा ही नहीं , ढूंढने वालो की तरह . talash_zindagi_kil - ShareChat

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