जय माँ की जय! 🙏🕉️⛰️ — दिल छू लेने वाला संदेश: माँ वैष्णो देवी के दरबार की अटूट श्रद्धा आज भी लाखों दिलों को जोडती है, 2023 में यहाँ करीब 9.52 मिलियन श्रद्धालु पहुंचे, जो दर्शाता है कि आध्यात्मिक स्थलों का सामाजिक और आर्थिक महत्व कितना विशाल है। पर इसी साल बारिश से हुए भूस्खलन ने तेज़ मौसम जोखिम और ढलान अस्थिरता की वैज्ञानिक समस्या को उजागर किया — जब भारी वर्षा से मिट्टी का सिचाई (saturation) बढ़ता है तो ढलान का स्थिरता कारक घटता है, इसलिए सुरक्षित यात्रा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और मौसम-आधारित चेतावनी तंत्र जरूरी हैं। प्रशासन ने सुरक्षात्मक कदमों के बाद यात्रा 17 सितंबर 2025 से सीमित रूप से पुनःचालू की, जो दर्शाता है कि आपदा-प्रबंधन और वैज्ञानिक निगरानी से ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है। मानवीय विश्वास और वैज्ञानिक कारणों का यह संतुलन ही सच्ची भक्ति का आधार है — “Maa’s protection guides, science keeps the path safe.” ✨🛕 इसलिए श्रद्धा में विवेक और सुरक्षा में विज्ञान—दोनों साथ रखें, माँ की लीला में आस्था भी रखें और तथ्य व विज्ञान की समझ भी; जय माँ! 🙌🌺 #JaiMataDi #VaishnoDevi #MaaKiShakti #FaithAndScience #SafetyFirst
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