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#🎙️मशहूर शायरों की शायरी✍️ #💞Heart touching शायरी✍️ #बेहतरीन उर्दू शायरी✍️ #✨उर्दू शायरी #💔पुराना प्यार 💔
🎙️मशहूर शायरों की शायरी✍️ - Best of Urdu Poetry Mirza Galib:- मुझे मालूम था गालिब वो मेरा हो नहीं सकता, मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे। Jaun Elia:- है बरे चुप - चाप से बैठे हो, किया बात कोई बात दिल पर लगी है या कही दिल लगा बैठे हो। Ahmad Faraz: इंतेज़ार तो उनका किया जाता है जिन्हें वापस आना हो, "फ़राज़" जो खुद गर्ज हो उनके लिये मरा नहीं करते। Best of Urdu Poetry Mirza Galib:- मुझे मालूम था गालिब वो मेरा हो नहीं सकता, मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे। Jaun Elia:- है बरे चुप - चाप से बैठे हो, किया बात कोई बात दिल पर लगी है या कही दिल लगा बैठे हो। Ahmad Faraz: इंतेज़ार तो उनका किया जाता है जिन्हें वापस आना हो, "फ़राज़" जो खुद गर्ज हो उनके लिये मरा नहीं करते। - ShareChat

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