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समझदारी ही कलयुग की और अग्रसर कर रही है !.... शुरुआत एक समझ से हुई थी, ख़त्म न जाने किस अंजाम से होगी। कुदरत भी सोच में है—ये कहानी कहाँ रुकेगी, जब हर दिशा में अक़्ल ही अक़्ल चलेगी।........... ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... Please Follow and Support 🙏.......... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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