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#❤️जीवन की सीख #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #🤓इलेक्शन मीम्स😆 #📖जीवन का लक्ष्य🤔 #✋हस्तरेखा शास्त्र🌌
❤️जीवन की सीख - मिठाई की दुकान कर्म का फल एक बार की कथा है, देवऋषि नारद और ऋषि अंगिरा कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनकी नजर एक मिठाई की दुकान पर पड़ी। दुकान के नजदीक ही झूठी पतलों का ढेर लगा हुआ लिए  झूठन को खाने के जैसे ही एक कुत्ता आता है था।उस बैसे ही उस दुकान का मालिक उसको जोर से डन्डा मारता  है। डन्डे की मार खा कर कुत्ता चीखता हुआ वहाँ से चला  है।ये दृश्य देख कर, देवऋषि को हंसी आ गयी। ऋषि जाता अन्गरा ने उन से हंसी का कारण पूछा, नारद बोलेः हे यह दुकान पहले एक कन्जूस व्यक्ति की थी। ऋषिवर अपनी जिंदगी में उसने बहुत सारा पैसा इकट्ठा किया। और जन्म में वो कुत्ता बन कर पैदा हुआ और यह दुकान  डस मालिक उसी का पुत्र है, देखें ! जिस के लिए उस ने बेशुमार धन इकट्ठा किया। आज उसी के हाथों से, उसे जूठा भोजन भी नहीं मिल सका। कर्मफल के इस खेल को देखकर मुझे हंसी आ गई। मनुष्य को अपने शुभ और अशुभ करमों का फल जरूर मिलता है। बेशक इस लिए उसे जन्मों जन्मों की मिठाई की दुकान कर्म का फल एक बार की कथा है, देवऋषि नारद और ऋषि अंगिरा कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनकी नजर एक मिठाई की दुकान पर पड़ी। दुकान के नजदीक ही झूठी पतलों का ढेर लगा हुआ लिए  झूठन को खाने के जैसे ही एक कुत्ता आता है था।उस बैसे ही उस दुकान का मालिक उसको जोर से डन्डा मारता  है। डन्डे की मार खा कर कुत्ता चीखता हुआ वहाँ से चला  है।ये दृश्य देख कर, देवऋषि को हंसी आ गयी। ऋषि जाता अन्गरा ने उन से हंसी का कारण पूछा, नारद बोलेः हे यह दुकान पहले एक कन्जूस व्यक्ति की थी। ऋषिवर अपनी जिंदगी में उसने बहुत सारा पैसा इकट्ठा किया। और जन्म में वो कुत्ता बन कर पैदा हुआ और यह दुकान  डस मालिक उसी का पुत्र है, देखें ! जिस के लिए उस ने बेशुमार धन इकट्ठा किया। आज उसी के हाथों से, उसे जूठा भोजन भी नहीं मिल सका। कर्मफल के इस खेल को देखकर मुझे हंसी आ गई। मनुष्य को अपने शुभ और अशुभ करमों का फल जरूर मिलता है। बेशक इस लिए उसे जन्मों जन्मों की - ShareChat

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