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#✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ साहित्य एवं शायरी - परसा ईयत१०१ #HarishankarParsai हम मानसिक रूप से 'दोगले' नहीं 'तिगले' हैं। संस्कारों से सामंतवादी हैं जीवन मूल्य अर्ध-पूंजीवादी हैं और बातें समाजवाद की करते हैं। हरिशंकर परसाई कविताएँ और साहित्य  परसा ईयत१०१ #HarishankarParsai हम मानसिक रूप से 'दोगले' नहीं 'तिगले' हैं। संस्कारों से सामंतवादी हैं जीवन मूल्य अर्ध-पूंजीवादी हैं और बातें समाजवाद की करते हैं। हरिशंकर परसाई कविताएँ और साहित्य - ShareChat

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