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#📒 मेरी डायरी
📒 मेरी डायरी - कहाँ समेटूँ 85 कहाँ- ऐ ज़िंदगी, जिधर भी देखु तू बस बिखरी पड़ी है। कहाँ समेटूँ 85 कहाँ- ऐ ज़िंदगी, जिधर भी देखु तू बस बिखरी पड़ी है। - ShareChat

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