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#जय माता चंद्रघंटा
जय माता चंद्रघंटा - जय मां चंद्रघंटा सुख धाम। पूर्ण कीजे मेरे काम।। चंद्र समाज तूं शीतल दाती। चंद्र तेज कारणों में समाती क्रोध को शांत बनाने वाली। मीठे बोल सिखाने वाली।। मन की मालिक मन भाती हों। चंद्रघंटा तुम वर दाती हो।। सुंदर भाव को लाने वाली।हर संकट में बचाने वाली।। हर बुधवार को तुझे ध्यावे। श्रद्घा सहित तो विनय ஔளழ் 1( मूर्ति चंद्र आकार बनाए।शीश झुका कहे मन की बाता ।। पूर्ण आस करो जगत दाता। कांची पुर स्थान तुम्हारा। | कर्नाटिका में मान तुम्हारा ।नाम तेरा रटू महारानी।। भक्त की रक्षा करो भवानी | जय मां चंद्रघंटा सुख धाम। पूर्ण कीजे मेरे काम।। चंद्र समाज तूं शीतल दाती। चंद्र तेज कारणों में समाती क्रोध को शांत बनाने वाली। मीठे बोल सिखाने वाली।। मन की मालिक मन भाती हों। चंद्रघंटा तुम वर दाती हो।। सुंदर भाव को लाने वाली।हर संकट में बचाने वाली।। हर बुधवार को तुझे ध्यावे। श्रद्घा सहित तो विनय ஔளழ் 1( मूर्ति चंद्र आकार बनाए।शीश झुका कहे मन की बाता ।। पूर्ण आस करो जगत दाता। कांची पुर स्थान तुम्हारा। | कर्नाटिका में मान तुम्हारा ।नाम तेरा रटू महारानी।। भक्त की रक्षा करो भवानी | - ShareChat

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