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#📖 कविता और कोट्स✒️
📖 कविता और कोट्स✒️ - कुछ हथेलियाँ जन्म से ही श्रापित होती हैं जिनकी पकड़ में न अपना ठहरता , न अपनापन! राहगीर कुछ हथेलियाँ जन्म से ही श्रापित होती हैं जिनकी पकड़ में न अपना ठहरता , न अपनापन! राहगीर - ShareChat

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