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शेर मिर्जा गालिब #✒ शायरी
✒ शायरी - शर ऐ मौत तुझे एक दिन तो आना है वले ग़मे फुरक़त में आती तो एहसां होता मिर्ज़ा गालिब सृशील गेहता शर ऐ मौत तुझे एक दिन तो आना है वले ग़मे फुरक़त में आती तो एहसां होता मिर्ज़ा गालिब सृशील गेहता - ShareChat

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