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#💓 दिल के अल्फ़ाज़ #✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 #✍️ साहित्य एवं शायरी #📜 Whatsapp स्टेटस
💓 दिल के अल्फ़ाज़ - चांद भी क्या खूब है, न सर पर घूंघट है, न चेहरे पे बुरका, कभी करवाचौथ का हो गया, तो कभी ईद का, तो कभी ग्रहण का अगर অমীন ৭ং কীনা নী टूटकर विवादों मे होता, अदालत की सुनवाइयों में होता, अखबार की सुर्ख़ियों में होता, लेकीन शुक्र है आसमान में बादलों की गोद में है, इसीलिए ज़मीन में कविताओं और ग़ज़लों में महफूज़ है। चांद भी क्या खूब है, न सर पर घूंघट है, न चेहरे पे बुरका, कभी करवाचौथ का हो गया, तो कभी ईद का, तो कभी ग्रहण का अगर অমীন ৭ং কীনা নী टूटकर विवादों मे होता, अदालत की सुनवाइयों में होता, अखबार की सुर्ख़ियों में होता, लेकीन शुक्र है आसमान में बादलों की गोद में है, इसीलिए ज़मीन में कविताओं और ग़ज़लों में महफूज़ है। - ShareChat

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