ShareChat
click to see wallet page
#पूजन विधि
पूजन विधि - स्कन्दमाता Favourite Flower Ped color flowers Mantra ७० देवी स्कन्दमाताय नमः।। Prarthana सिहासनगता नित्य पणाठ्चित करद्णा शुभदास्तु सदा रेची स्कन्दमाता यशस्विनी।  Stut या देवी सर्वभूतेपु मो स्फन्दमाता रुपेण सस्थिता | नगस्तस्य नमस्तस्प नमस्तस्प नमो नमः। Dhyana चन्दे वाज्छत कामार्च चन्दार्पकृतशीखरामा  सिहरूदा चतभुषा स्कन्दमाता यशास्यिनीम। चिशु्य  बकस्थितों पञ्चम दुर्गा त्रिनेत्राम्।  यलवणा पु्म फरा दिक्षिण उिरू पुत्रयराम भजेमा ப41 पटाम्यर परिणना नृद्ठहास्या नानालङ्कार भूषितामा  मग्णीर हार फेपूर फिइफिणि रत्नकुण्ड्ल धारिणीम कपीलाम पीन प्पोचराम।  0 ٥ ٥   फमनीया लावण्चा चारशिवली नितम्यनीम। Stotra नमानि स्कन्दमाता स्वन्दपारिणीम। सनग्तत्पसागरन पारपारगहरान शिवाप्रभा समुज्वला स्फुच्छशागशेखराम्।  जगतादीप्ति भास्करामा Hrr महेन्दकरयपार्चिता सनत्कुमार सस्तुताम।  सुरसुरेन्द्रवन्दिता पयार्थनिर्मला द्वुनाम्। अतकर्यरोचिरूविजा विकार दोपवर्जिताम्।  नुमुक्षुभिर्विचिन्तिता विशेषतत्वमुचितामा नानालद्षकार भूषिताम् मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम सुशुष्दतत्वतोषणा त्रिवेदमार भूषणाम। सुपार्मिकापकारिणी सुरेन्द्र येरिपातिनीम्।  सुवर्णकल्पशाखिनीम पुष्पमातिनी  शु्भा तमोउन्धकारयामिनी शिवस्वभावकामिनीम।  सहससूर्पराजिका पनज्जपोग्रकारिकाम्।  सगष्दकाल মুমত-ন্্রমঙলাদ प्रजापिनी प्रजावति नमामि मातरम सतीम।  स्वकर्मकारण ग्ति हरिप्रयाच पार्वतीन अनन्तशक्ति कान्तिया यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्।  पुनः पुनर्जगद्धिता नमाम्यहन सुरार्चिताम जपेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवी पाहिमाम।  Kavacha वीजालिका देवी परयुग्मधरापरा। " हदयम् पातु सा देवी कार्तिकेपयुता।  श्री ही हु ऐं देवी पर्वस्पा पातु सर्वटा।  Hat सदा पात स्क्दमाता पुन्प्रदा। ٩ ١  ٧«٩ ٥ ٧  AruIபIUII Ia वारुणे नेऋतेअवतु।  বনম্ো নখান इन्दाणी भेरवी चेवासिताङ्ी " মচাতী | सर्वटा पातु मा देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वे।। Aartl जप तेरी हो स्कन्द माता। पांचचा नाम तुम्हारा आता। सवक मन की जानन हारी जग जननी सबकी महतारी।  नेरी जोत जलाता रहू हररम तुझे थ्याता रहू मे। नार्मो से तुझे पुकारा। नुझे एक तेरा सहारा।। কা5 डेरा। कई शहरों  तेरा बरेरा। कहा पहाड़ा पर हर मन्दिर मे तेरे नजारे। गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।। भक्ति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी चिगडी चना टो। इन्द्र आदि देवता मिल सारे। करे पुकार  PI TR दुर रेत्य जव चर करआए।तूही खण्ड हाथ उठाए। दासों को सटा चचाने आपी। भक्त कीआस आपी। পুলান स्कन्दमाता Favourite Flower Ped color flowers Mantra ७० देवी स्कन्दमाताय नमः।। Prarthana सिहासनगता नित्य पणाठ्चित करद्णा शुभदास्तु सदा रेची स्कन्दमाता यशस्विनी।  Stut या देवी सर्वभूतेपु मो स्फन्दमाता रुपेण सस्थिता | नगस्तस्य नमस्तस्प नमस्तस्प नमो नमः। Dhyana चन्दे वाज्छत कामार्च चन्दार्पकृतशीखरामा  सिहरूदा चतभुषा स्कन्दमाता यशास्यिनीम। चिशु्य  बकस्थितों पञ्चम दुर्गा त्रिनेत्राम्।  यलवणा पु्म फरा दिक्षिण उिरू पुत्रयराम भजेमा ப41 पटाम्यर परिणना नृद्ठहास्या नानालङ्कार भूषितामा  मग्णीर हार फेपूर फिइफिणि रत्नकुण्ड्ल धारिणीम कपीलाम पीन प्पोचराम।  0 ٥ ٥   फमनीया लावण्चा चारशिवली नितम्यनीम। Stotra नमानि स्कन्दमाता स्वन्दपारिणीम। सनग्तत्पसागरन पारपारगहरान शिवाप्रभा समुज्वला स्फुच्छशागशेखराम्।  जगतादीप्ति भास्करामा Hrr महेन्दकरयपार्चिता सनत्कुमार सस्तुताम।  सुरसुरेन्द्रवन्दिता पयार्थनिर्मला द्वुनाम्। अतकर्यरोचिरूविजा विकार दोपवर्जिताम्।  नुमुक्षुभिर्विचिन्तिता विशेषतत्वमुचितामा नानालद्षकार भूषिताम् मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम सुशुष्दतत्वतोषणा त्रिवेदमार भूषणाम। सुपार्मिकापकारिणी सुरेन्द्र येरिपातिनीम्।  सुवर्णकल्पशाखिनीम पुष्पमातिनी  शु्भा तमोउन्धकारयामिनी शिवस्वभावकामिनीम।  सहससूर्पराजिका पनज्जपोग्रकारिकाम्।  सगष्दकाल মুমত-ন্্রমঙলাদ प्रजापिनी प्रजावति नमामि मातरम सतीम।  स्वकर्मकारण ग्ति हरिप्रयाच पार्वतीन अनन्तशक्ति कान्तिया यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्।  पुनः पुनर्जगद्धिता नमाम्यहन सुरार्चिताम जपेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवी पाहिमाम।  Kavacha वीजालिका देवी परयुग्मधरापरा। " हदयम् पातु सा देवी कार्तिकेपयुता।  श्री ही हु ऐं देवी पर्वस्पा पातु सर्वटा।  Hat सदा पात स्क्दमाता पुन्प्रदा। ٩ ١  ٧«٩ ٥ ٧  AruIபIUII Ia वारुणे नेऋतेअवतु।  বনম্ো নখান इन्दाणी भेरवी चेवासिताङ्ी " মচাতী | सर्वटा पातु मा देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वे।। Aartl जप तेरी हो स्कन्द माता। पांचचा नाम तुम्हारा आता। सवक मन की जानन हारी जग जननी सबकी महतारी।  नेरी जोत जलाता रहू हररम तुझे थ्याता रहू मे। नार्मो से तुझे पुकारा। नुझे एक तेरा सहारा।। কা5 डेरा। कई शहरों  तेरा बरेरा। कहा पहाड़ा पर हर मन्दिर मे तेरे नजारे। गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।। भक्ति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी चिगडी चना टो। इन्द्र आदि देवता मिल सारे। करे पुकार  PI TR दुर रेत्य जव चर करआए।तूही खण्ड हाथ उठाए। दासों को सटा चचाने आपी। भक्त कीआस आपी। পুলান - ShareChat

More like this