ShareChat
click to see wallet page
#दिल के अल्फाज़
दिल के अल्फाज़ - जिन्दगी इक तलाश है, क्या है? दर्द इसका लिबास है क्या है? फिर हवा ज़हर पी के आई क्या, सारा आलम उदास है, क्या है? एक सच के हजार चेहरें हैं, अपना-अपना क़यास है॰ क्या है ही मुकाम है रब का, जबकि दिल इक जमीं फिर भी ख़ास है, क्या है राम-ओ रहमान की हिफ़ाजत में, आदमी ! बदहवास है, क्या है? सकती है दुनियाँ, लेकिन सुधर तो हाल, माज़ी का दास है, क्या है मिटा रहा है जमाना इसे जाने कब से, इक बला है कि प्यास है, क्या है? गौर करता हूँ तो आती है हँसी, ये जो सब आस पास है क्या है? जिन्दगी इक तलाश है, क्या है? दर्द इसका लिबास है क्या है? फिर हवा ज़हर पी के आई क्या, सारा आलम उदास है, क्या है? एक सच के हजार चेहरें हैं, अपना-अपना क़यास है॰ क्या है ही मुकाम है रब का, जबकि दिल इक जमीं फिर भी ख़ास है, क्या है राम-ओ रहमान की हिफ़ाजत में, आदमी ! बदहवास है, क्या है? सकती है दुनियाँ, लेकिन सुधर तो हाल, माज़ी का दास है, क्या है मिटा रहा है जमाना इसे जाने कब से, इक बला है कि प्यास है, क्या है? गौर करता हूँ तो आती है हँसी, ये जो सब आस पास है क्या है? - ShareChat

More like this