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#satnam waheguru ji #satnam shri waheguru ji #Meetha Lage Tera bhana
satnam waheguru ji - प्रभ की आगिआ आतम हितावै Il जीवन मुकति सोऊ कहावैIl अर्थः जो मनुष्य प्रभू की रजा को मन में ম নয मीठा करके मानता है, वही जीते जी मुक्त लिए ' भिखारी कहलाता है।उसके ೩T खुशी एक समान ही है॰ उसे सदा आनंद है जिओ क्योंकि उसके हृदय में प्रभू चरणों से विछोड़ा नहीं है। सोना और मिट्टी भी उस 46TST लिए ' मनुष्य के बराबर हैं भाव, सोना देख के वह लोभ में नहीं फंसता, अमृत व I लिए ' कड़वा विष भी उसके एक जैसा है। किसी से आदरभरा व्यावहार हो अथवा बाबा लिए अहंकार का उस मनुष्य के एक जी समान है॰ कंगाल और शहनशाह भी उसकी नजर में बराबर हैं। प्रभ की आगिआ आतम हितावै Il जीवन मुकति सोऊ कहावैIl अर्थः जो मनुष्य प्रभू की रजा को मन में ম নয मीठा करके मानता है, वही जीते जी मुक्त लिए ' भिखारी कहलाता है।उसके ೩T खुशी एक समान ही है॰ उसे सदा आनंद है जिओ क्योंकि उसके हृदय में प्रभू चरणों से विछोड़ा नहीं है। सोना और मिट्टी भी उस 46TST लिए ' मनुष्य के बराबर हैं भाव, सोना देख के वह लोभ में नहीं फंसता, अमृत व I लिए ' कड़वा विष भी उसके एक जैसा है। किसी से आदरभरा व्यावहार हो अथवा बाबा लिए अहंकार का उस मनुष्य के एक जी समान है॰ कंगाल और शहनशाह भी उसकी नजर में बराबर हैं। - ShareChat

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