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#जयश्रीराम
जयश्रीराम - हरि शरणं 'तुलसी' जस भवितव्यता , तैसी मिलै सहाय आपु न आवै ताहि पै, ताहि तहाँ लै जाय गोस्वामी जी कहते हैं कि जैसी होनहार होती है मनुष्य को वैसी ही सहायता प्राप्त हो जाती है। होनहार स्वयं मनुष्य के पास नहीं आती प्रत्युत उसे ही स्वयं खींच कर वहाँ ले जाती है। भाव यह है कि भाग्य के आगे किसी का कुछ वश नहीं चलता। होनहार या हरि शरणं 'तुलसी' जस भवितव्यता , तैसी मिलै सहाय आपु न आवै ताहि पै, ताहि तहाँ लै जाय गोस्वामी जी कहते हैं कि जैसी होनहार होती है मनुष्य को वैसी ही सहायता प्राप्त हो जाती है। होनहार स्वयं मनुष्य के पास नहीं आती प्रत्युत उसे ही स्वयं खींच कर वहाँ ले जाती है। भाव यह है कि भाग्य के आगे किसी का कुछ वश नहीं चलता। होनहार या - ShareChat

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