#यथार्थ_गीता_ज्ञान
🎉गीता अध्याय 18, श्लोक 62
“हे अर्जुन! तू सब प्रकार से उस परम ईश्वर की ही शरण में जा। उस परमपिता परमात्मा की कृपा से ही तू परम शांति और शाश्वत स्थान- सतलोक (स्थान-धाम) को प्राप्त होगा”।
’सब प्रकार से’ का अर्थ कोई अन्य पूजा नहीं करना बल्कि मन-कर्म-वचन से केवल एक भगवान में विश्वास रखना है।

