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#shayar #poet #बेनाम शायर #विकास की कलम से दर्दे शायर #विकास बेदर्दी की शायरी ऐ शायर हसीन
shayar - हर तरफ रंज-्ओ॰ग़म की खाई है मेरे मौला तेरी दुहाई है कोई उनको मिला नहीं सकता जिन की तक़दीर में जुदाई है उम्र भर कैसे भूल पाऊंगा एक तिनके ने जां बचाई है दर हक़ीक़त तुम्हारे आने से जिंदगी में बहार आई है किस पे करते हम ऐतबार अकरम, बेवफाई है हर तरफ आम तिलहरी अकरम Akram Tilhari Your uotein हर तरफ रंज-्ओ॰ग़म की खाई है मेरे मौला तेरी दुहाई है कोई उनको मिला नहीं सकता जिन की तक़दीर में जुदाई है उम्र भर कैसे भूल पाऊंगा एक तिनके ने जां बचाई है दर हक़ीक़त तुम्हारे आने से जिंदगी में बहार आई है किस पे करते हम ऐतबार अकरम, बेवफाई है हर तरफ आम तिलहरी अकरम Akram Tilhari Your uotein - ShareChat

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