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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - जब भी ज़िन्दगी रुलाये समझना. . गुनाह माफ़ हो गये। गुलज़ार ** * अल्फ़ाज़ कलम से जब भी ज़िन्दगी रुलाये समझना. . गुनाह माफ़ हो गये। गुलज़ार ** * अल्फ़ाज़ कलम से - ShareChat

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