ShareChat
click to see wallet page
#मेरी डायरी ✍️✍️✍️✍️✍️
मेरी  डायरी - बिन सफ़र, बिन मंज़िलों का एक रास्ता होना चाहता हूँ। कहीं दूर किसी जंगल में, ठहरा दरिया होना चाहता हूँ। एक ज़िन्दगी होना चाहता  बिना रिश्तों ओर रिवाजों की। दूर आसमान से गिरते झरने में कहीं खोना चाहता हूँ। मैं आज मै होना चाहता हूँ। RUPESH KUMAR BANSOD बिन सफ़र, बिन मंज़िलों का एक रास्ता होना चाहता हूँ। कहीं दूर किसी जंगल में, ठहरा दरिया होना चाहता हूँ। एक ज़िन्दगी होना चाहता  बिना रिश्तों ओर रिवाजों की। दूर आसमान से गिरते झरने में कहीं खोना चाहता हूँ। मैं आज मै होना चाहता हूँ। RUPESH KUMAR BANSOD - ShareChat

More like this