ShareChat
click to see wallet page
#kavita
kavita - kaIg tng   4il ull 10.30 49% JUGIHI काव्य बिस्तरा है न चारपाई है, जिंदगी ख़ूब हमने पाई है। कल अँधेरे में जिसने सर काटा, नाम मत लो हमारा भाई है। त्रिलोचन kaIg tng   4il ull 10.30 49% JUGIHI काव्य बिस्तरा है न चारपाई है, जिंदगी ख़ूब हमने पाई है। कल अँधेरे में जिसने सर काटा, नाम मत लो हमारा भाई है। त्रिलोचन - ShareChat

More like this