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trending - ِمْيِحَّرلا ِنُلْحَّرلاِهللا ِمْسِب इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन दुआ किसी के मरने के बाद पढी जाती है इस 4٤ लोगों ने इसे वहीं तक गहदूद कर दिया है লিব जबकि यह दुआ किसी भी मुसीबत के समय अपने आपको अल्लाह के हवाले करने के लिए है। किसी का इंतकाल हो गया, कोई चीज़ खो गई कारोबार में नुकसान पहुंचा, हुई, फसल कम मुकदमा हार गए. किसी चीज़ से डर लगा, जालिम है भूखमरी की नौबत आ गई है, या कासामना कोई हादसा या किसी भी किस्म की नुक़सान हो जाएं.. इन तमाम हालतों में इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन कहते हुए अपने आप को अल्लाह के हवाले कर देना है कि अब हम से नहीं हो सकता आप ही संभालों  हम अल्लाह ही के हैं और उसी की तरफ़ लौट जाने वाले हैं। ِمْيِحَّرلا ِنُلْحَّرلاِهللا ِمْسِب इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन दुआ किसी के मरने के बाद पढी जाती है इस 4٤ लोगों ने इसे वहीं तक गहदूद कर दिया है লিব जबकि यह दुआ किसी भी मुसीबत के समय अपने आपको अल्लाह के हवाले करने के लिए है। किसी का इंतकाल हो गया, कोई चीज़ खो गई कारोबार में नुकसान पहुंचा, हुई, फसल कम मुकदमा हार गए. किसी चीज़ से डर लगा, जालिम है भूखमरी की नौबत आ गई है, या कासामना कोई हादसा या किसी भी किस्म की नुक़सान हो जाएं.. इन तमाम हालतों में इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन कहते हुए अपने आप को अल्लाह के हवाले कर देना है कि अब हम से नहीं हो सकता आप ही संभालों  हम अल्लाह ही के हैं और उसी की तरफ़ लौट जाने वाले हैं। - ShareChat

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