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#bayan #I love Madina #❤️अस्सलामु अलैकुम
bayan - क्या हुजूर अलैहिस्सलाम के ज़माने में मय्यत का सवाल : तीजा होता था?? जवाब : मय्यत का तीजा और इसी तरह दसवां बीसवां और चालीसवां वगैरह हुजूर अलैहिस्सलातु वस्सलाम के ज़ाहिरी में नहीं होता था बल्कि यह सब बाद की ईजाद हैं और जमाना बिदअते हसना (अच्छी) हैं इसलिए कि इनमें मय्यत के ईसाले के लिए कुरान ख्वानी होती है सदका खैरात किया सवाब जाता है और गुरबा व मसाकीन को खाना खिलाया जाता है और यह सब सवाब के काम हैं NOOREMADINA_ हां इस मौका पर शादी बियाह की तरह दोस्त व अहबाब और अज़ीज़ व अकारिब की दावत करना ज़रूर बिदअते सैय्यह है शामी जिल्द अव्वल सफ़ा ६२९ फ़तहुल क़दीर जिल्द दोम अनवारे शरीअत सफ़ह 17--18--19--20) सफ़ा २०२ @_NOOR_E_MADINA_, MASLAK-E-AALA 10 HAZRAT SALAMAT RAHE क्या हुजूर अलैहिस्सलाम के ज़माने में मय्यत का सवाल : तीजा होता था?? जवाब : मय्यत का तीजा और इसी तरह दसवां बीसवां और चालीसवां वगैरह हुजूर अलैहिस्सलातु वस्सलाम के ज़ाहिरी में नहीं होता था बल्कि यह सब बाद की ईजाद हैं और जमाना बिदअते हसना (अच्छी) हैं इसलिए कि इनमें मय्यत के ईसाले के लिए कुरान ख्वानी होती है सदका खैरात किया सवाब जाता है और गुरबा व मसाकीन को खाना खिलाया जाता है और यह सब सवाब के काम हैं NOOREMADINA_ हां इस मौका पर शादी बियाह की तरह दोस्त व अहबाब और अज़ीज़ व अकारिब की दावत करना ज़रूर बिदअते सैय्यह है शामी जिल्द अव्वल सफ़ा ६२९ फ़तहुल क़दीर जिल्द दोम अनवारे शरीअत सफ़ह 17--18--19--20) सफ़ा २०२ @_NOOR_E_MADINA_, MASLAK-E-AALA 10 HAZRAT SALAMAT RAHE - ShareChat

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