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#खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी।
खिचड़ी कोई भी पका सकता है लोकतंत्र एवं प्रजातंत्र की रक्षार्थ है यह खिचड़ी। - @ T 30.9 सचमें पहले बेटे बेटी मां को कोख में रहके लात मारते थे आजकल पढ़े लिखे होके अधिकारी बनके मां-बाप को घर से बाहर निकालते हैं जमाना पलटा है मां-बाप नहीं My contacts Only share with @ T 30.9 सचमें पहले बेटे बेटी मां को कोख में रहके लात मारते थे आजकल पढ़े लिखे होके अधिकारी बनके मां-बाप को घर से बाहर निकालते हैं जमाना पलटा है मां-बाप नहीं My contacts Only share with - ShareChat

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