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#satnam waheguru ji #satnam shri waheguru ji #Meetha Lage Tera bhana
satnam waheguru ji - नर चाहृत कछु अउर अउरै की अउरै भई ।l चितवत रहिओ f 4ரm फासी ठगउर नानक बाबा नानक जी कह!हे भाई! माया के मोह মীঠা में फस के मनुष्य प्रभू सिमरन की जगह कुछ और ही होर करता है। भाव माया के लोभ मे फास करके माया ही माया मांगता लगे रहता है। पर करतार की रजा में और की और ही हो जाती है ।माया के मोह में अंधे करना था, वह हा रहे मनुष्य जो कुछ तेरा के फंदे में नहीं किया सारी उम्र तू लोभ ही फसा रहा। जिंदगी का सारा समय इसी तरह ही गुजर गया। अब रोता क्यों है? अब মনুম্ যীবনা पछताने से क्या फायदा? भाणा कुछ है हो कुछ होर ही हो जाता है। मनुष्य औरों को ठगने की सोचें सोचता है लेकिन मौत का फंदा उसके गले में आ पड़ता है। नर चाहृत कछु अउर अउरै की अउरै भई ।l चितवत रहिओ f 4ரm फासी ठगउर नानक बाबा नानक जी कह!हे भाई! माया के मोह মীঠা में फस के मनुष्य प्रभू सिमरन की जगह कुछ और ही होर करता है। भाव माया के लोभ मे फास करके माया ही माया मांगता लगे रहता है। पर करतार की रजा में और की और ही हो जाती है ।माया के मोह में अंधे करना था, वह हा रहे मनुष्य जो कुछ तेरा के फंदे में नहीं किया सारी उम्र तू लोभ ही फसा रहा। जिंदगी का सारा समय इसी तरह ही गुजर गया। अब रोता क्यों है? अब মনুম্ যীবনা पछताने से क्या फायदा? भाणा कुछ है हो कुछ होर ही हो जाता है। मनुष्य औरों को ठगने की सोचें सोचता है लेकिन मौत का फंदा उसके गले में आ पड़ता है। - ShareChat

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