ShareChat
click to see wallet page
#mantra #मंत्र
mantra - 431 [ಕ್ಷ ತಚಹ १ गायत्री मत्र २. महादेव  ३. श्री गणेश भूर्भुवः स्वः पजामर ०० नयम्वक वक़तुण्ड महाकाय  TEau ాా . तत्सवितर वरेण्प  imau' कोटि 4 उर्वरुकमिव  भर्गो देवस्य पीमहि समप्रभनिर्विघ्न कुरु বরন্বনান সন্থাগুমীয गिपो योनास मे देव, सर्वकार्येपु  प्चोदयात्ा মামুনান Il  orar I ಖ aHT जी ఇ] ६. श्री कृष्ण  5 ४श्री हरि वसुदेवसुत देव  au]y मातम भगवान ७० नमस्ते परम यत्या कसचाणूरमर्दनम | নমব এসোল मालम गरणाचज मतलम पुण्डरी काक्षः निर्गुणाय नमस्तुभ्प देवकी परमानन्द MH1ur 6R1 सद्याप नमो नमः ।। कृष्ण बन्दे जगद्वुरुम। ७श्री राम जी ९. माँ महालक्ष्मी  माँ दुर्गा  8 श्ी रामाप रामभदाय  सर्वायाणा विनिर्मक्तो  ७० जवती मगला काती रामचन्दराप वेधसे মুনানিন: भदकाली कपालिनी | 4414 পনুষ্পী সনসমাতন;  रपुनाथापनायाय क्षमा शिवा पाघ्री डगा  সবিষ্পনি ন মথাসঃ মীনাপা পনব নস: ! পামা বণা নসাৎবন 12 TTIar श्री हनुमान जी  11. সাঁ সচাক্ধালী 1२ ३० सरस्चति नमस्तुभ्य 3 mಹ ಹl, मनोजव माठततल्यचेग " वरदे कामरूपिणि जितेन्दरिप बद्िमता  हली हीख विदारम्भ करिप्यामि चरिष्ठ। वातात्मज स्फोटय, की॰की মিল্ভিসননু স মনা 11 चानरपपमच्प की फट ! शीरामदत शरण प्रपरे 431 [ಕ್ಷ ತಚಹ १ गायत्री मत्र २. महादेव  ३. श्री गणेश भूर्भुवः स्वः पजामर ०० नयम्वक वक़तुण्ड महाकाय  TEau ాా . तत्सवितर वरेण्प  imau' कोटि 4 उर्वरुकमिव  भर्गो देवस्य पीमहि समप्रभनिर्विघ्न कुरु বরন্বনান সন্থাগুমীয गिपो योनास मे देव, सर्वकार्येपु  प्चोदयात्ा মামুনান Il  orar I ಖ aHT जी ఇ] ६. श्री कृष्ण  5 ४श्री हरि वसुदेवसुत देव  au]y मातम भगवान ७० नमस्ते परम यत्या कसचाणूरमर्दनम | নমব এসোল मालम गरणाचज मतलम पुण्डरी काक्षः निर्गुणाय नमस्तुभ्प देवकी परमानन्द MH1ur 6R1 सद्याप नमो नमः ।। कृष्ण बन्दे जगद्वुरुम। ७श्री राम जी ९. माँ महालक्ष्मी  माँ दुर्गा  8 श्ी रामाप रामभदाय  सर्वायाणा विनिर्मक्तो  ७० जवती मगला काती रामचन्दराप वेधसे মুনানিন: भदकाली कपालिनी | 4414 পনুষ্পী সনসমাতন;  रपुनाथापनायाय क्षमा शिवा पाघ्री डगा  সবিষ্পনি ন মথাসঃ মীনাপা পনব নস: ! পামা বণা নসাৎবন 12 TTIar श्री हनुमान जी  11. সাঁ সচাক্ধালী 1२ ३० सरस्चति नमस्तुभ्य 3 mಹ ಹl, मनोजव माठततल्यचेग " वरदे कामरूपिणि जितेन्दरिप बद्िमता  हली हीख विदारम्भ करिप्यामि चरिष्ठ। वातात्मज स्फोटय, की॰की মিল্ভিসননু স মনা 11 चानरपपमच्प की फट ! शीरामदत शरण प्रपरे - ShareChat

More like this