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#आ साजन मोरे नयनन में,
आ साजन मोरे नयनन में, - आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ। न मैं देखूँ औरन को, न तोहे देखन दूँ । अपनी छवि बनाई केजो मैं पी के पास गई। जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई। । खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय। वेद, कुरान, पोथी पढ़़े, प्रेम बिनकाहोया | संतों की निंदा करे, रखे पर नारी से हत। वे नर ऐसे जाऐंगे , जैसे रणरेही का खेत। | खुसरो सरीर सराय है रचो सोवे सुख चैन। कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन। । आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ। न मैं देखूँ औरन को, न तोहे देखन दूँ । अपनी छवि बनाई केजो मैं पी के पास गई। जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई। । खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय। वेद, कुरान, पोथी पढ़़े, प्रेम बिनकाहोया | संतों की निंदा करे, रखे पर नारी से हत। वे नर ऐसे जाऐंगे , जैसे रणरेही का खेत। | खुसरो सरीर सराय है रचो सोवे सुख चैन। कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन। । - ShareChat

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