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मुक्तक _ तेरी दिल्लगी तुम अगर मिला होता न तुमसे प्यार हुआ होता। हुस्न पर दिल आया होता न यूं बेकरार हुआ होता। तुझे दिल लगाना न था दिल्लगी का मजा था लेना। तेरी दिल्लगी के खेल में भारती न बेकार हुआ होता। श्याम कुंवर भारती #✍प्रेमचंद की कहानियां #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #📚कविता-कहानी संग्रह #💔दर्द भरी कहानियां #✍मेरे पसंदीदा लेखक
✍प्रेमचंद की कहानियां - ShareChat

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