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#satnam waheguru
satnam waheguru - HUKMNAMA 1/10/25 धन धन श्री गुरु रामदास जी 3থড 643 16/: মলীক্ত लिखिआ कमावणा जि करतै पूरबि স: 3 Il पाईअनु लिखिआसु  எளி 31f मोह I विसरिआ गुणतासु Il अर्थः (पिछले किए कर्मों के अनुसार) आरम्भ सेजो लेख) और जो लिखे (भाव, उकरे) ೯೯ ೯ (संस्कार रूप कर्तार ने खुद लिख दिए हैं वे (अवश्य) कमाने पडते हैं; (उस लेख के अनुसार ही) मोह की ठगनबूटी (जिसे) मिल गई है उसे गुणों का खजाना हरि बिसर गया है। मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु II जिनी नामु न चेतिओ से बहणि न मिलनी पासि II गुरमुखि अर्थः (उस) संसार को जीवित ना समझो (जो) माया के मोह में मरा पड़ा है; जिन्होंने सतिगुरु के सन्मुख हो के नाम पास बैठने को नहीं स्मरण किया, उन्हें प्रभु के नहीं मिलता। HUKMNAMA 1/10/25 धन धन श्री गुरु रामदास जी 3থড 643 16/: মলীক্ত लिखिआ कमावणा जि करतै पूरबि স: 3 Il पाईअनु लिखिआसु  எளி 31f मोह I विसरिआ गुणतासु Il अर्थः (पिछले किए कर्मों के अनुसार) आरम्भ सेजो लेख) और जो लिखे (भाव, उकरे) ೯೯ ೯ (संस्कार रूप कर्तार ने खुद लिख दिए हैं वे (अवश्य) कमाने पडते हैं; (उस लेख के अनुसार ही) मोह की ठगनबूटी (जिसे) मिल गई है उसे गुणों का खजाना हरि बिसर गया है। मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु II जिनी नामु न चेतिओ से बहणि न मिलनी पासि II गुरमुखि अर्थः (उस) संसार को जीवित ना समझो (जो) माया के मोह में मरा पड़ा है; जिन्होंने सतिगुरु के सन्मुख हो के नाम पास बैठने को नहीं स्मरण किया, उन्हें प्रभु के नहीं मिलता। - ShareChat

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