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fridaymotivation, - गीता গান गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ अध्याय १८ का श्लोक ६२ हे भारत! तू सब प्रकार से उस परमेश्वर की की ही शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा तम् एव शरणम् गच्छ सर्वभावेन भारत ही तू तत्प्रसादात् पराम् शान्तिम स्थानम् प्राप्स्यसि परम शान्ति को तथा सदा रहने 81847//62// वाले सतलोक को प्राप्त होगा| भारत) हे भारत! तू ( सर्वभावेन ) सब प्रकारसे अनुवादः (तम्) उस परमेश्वरकी ( एव) ही (शरणम् ) शरणमें संत रामपाल जी महाराज जी से (गच्छ) जा। (तत्प्रसादात्) उस परमात्माकी कृपा से ही निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क  तू (पराम् ) परम (शान्तिम्) शान्तिको तथा ( शाश्वतम्) +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : वाला सत ( स्थानम्) स्थान धाम। लाक को रहने Hcl अर्थात् सत्लोक को (प्राप्स्यसि) प्राप्त होगा। (६२) गीता গান गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ अध्याय १८ का श्लोक ६२ हे भारत! तू सब प्रकार से उस परमेश्वर की की ही शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा तम् एव शरणम् गच्छ सर्वभावेन भारत ही तू तत्प्रसादात् पराम् शान्तिम स्थानम् प्राप्स्यसि परम शान्ति को तथा सदा रहने 81847//62// वाले सतलोक को प्राप्त होगा| भारत) हे भारत! तू ( सर्वभावेन ) सब प्रकारसे अनुवादः (तम्) उस परमेश्वरकी ( एव) ही (शरणम् ) शरणमें संत रामपाल जी महाराज जी से (गच्छ) जा। (तत्प्रसादात्) उस परमात्माकी कृपा से ही निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क  तू (पराम् ) परम (शान्तिम्) शान्तिको तथा ( शाश्वतम्) +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : वाला सत ( स्थानम्) स्थान धाम। लाक को रहने Hcl अर्थात् सत्लोक को (प्राप्स्यसि) प्राप्त होगा। (६२) - ShareChat

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