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कानून के गहरे अध्ययन और तर्कों की जीत: हाईकोर्ट से ज़मानत मंज़ूर" #legal advice ( कानूनी सलाह) #advocate #legal advice
legal advice ( कानूनी सलाह) - न्याय प्रतिदिन Thursday 25th September 2025 Mo n 9120868870 गोरखपुर POCSO केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसलाः एडबोकेट नवनीत मिश्रा की दलीलों से आरोपी को मिली जमानत" २३ सितंबर २०२५ को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक qqIIIG महत्वपूर्ण फैसले में POCSO मामले में आरोपी मोनू उर्फ अजय को जमानत दी। इस केस में जस्टिस कृष्ण पाहल की बेंच ने अधिवक्ता नवनीत मिश्रा की दलीलों को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया।  आरोपी ३० जनवरी २०२५ से जेल में था, लेकिन उसकी ओर से दलील दी गई कि FIR में एक दिन की देरी और कोई चिकित्सीय सबूत नहीं है। कोर्ट ने माना कि पीड़िता १८ वर्ष से अधिक उम्र की है और सहमति से संबंधित बयान दे चुकी है। राज्य कानून अधिकारी ने बेल का विरोध किया, लेकिन अभियोजन की कमजोर दलीलों और সামীণী ক स्वच्छ इतिहास के आधार पर बेल मंजूर हुई। शर्तों के साथ जमानतः व्यक्तिगत बंधन और दो जमानतदार, साथ ही सबूतों से छेड़छाड़ न करने की हिदायत। एडवोकेट नवनीत मिश्रा न्याय प्रतिदिन Thursday 25th September 2025 Mo n 9120868870 गोरखपुर POCSO केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसलाः एडबोकेट नवनीत मिश्रा की दलीलों से आरोपी को मिली जमानत" २३ सितंबर २०२५ को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक qqIIIG महत्वपूर्ण फैसले में POCSO मामले में आरोपी मोनू उर्फ अजय को जमानत दी। इस केस में जस्टिस कृष्ण पाहल की बेंच ने अधिवक्ता नवनीत मिश्रा की दलीलों को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया।  आरोपी ३० जनवरी २०२५ से जेल में था, लेकिन उसकी ओर से दलील दी गई कि FIR में एक दिन की देरी और कोई चिकित्सीय सबूत नहीं है। कोर्ट ने माना कि पीड़िता १८ वर्ष से अधिक उम्र की है और सहमति से संबंधित बयान दे चुकी है। राज्य कानून अधिकारी ने बेल का विरोध किया, लेकिन अभियोजन की कमजोर दलीलों और সামীণী ক स्वच्छ इतिहास के आधार पर बेल मंजूर हुई। शर्तों के साथ जमानतः व्यक्तिगत बंधन और दो जमानतदार, साथ ही सबूतों से छेड़छाड़ न करने की हिदायत। एडवोकेट नवनीत मिश्रा - ShareChat

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