## माँ कूष्मांडा — सृष्टि की आदिशक्ति, जिनके तेज से ब्रह्मांड का निर्माण हुआ।🌸🙏
पौराणिक कथा के अनुसार, जब त्रिदेव ने सृष्टि की रचना करने की कल्पना की तो, उस समय ब्रह्मांड में अंधेरा छाया हुआ था। इस दौरान ब्रह्मांड में सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसे में त्रिदेव ने मां दुर्गा से सहायता ली। जब चारों ओर केवल अंधकार था सृष्टि का अस्तित्व नहीं था। तब मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसी कारण वे सृष्टि की आदिशक्ति और आदिस्वरूपा हैं। जो अपनी मधुर मुस्कान से संसार का अंधकार दूर कर देती हैं।
माँ हमें सिखाती है कि सकारात्मक सोच और एक प्यारी सी मुस्कान से भी जीवन में नई शुरुआत की जा सकती हैं।
उनकी हँसी से ब्रह्मांड का सृजन हुआ... हमें भी अपनी भीतर की रोशनी जगानी है और उसे संसार तक फैलाना हैं।
जय माँ कूष्मांडा! 🌺🙏

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