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हिन्दू देवी देवताओं के नाम और काम 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ सनातन धर्म में अनेक देवताओं का उल्लेख है उन देवताओ को किसी नाम विशेष से जाना जाता है। देवताओं का यह नामकरण उनके कार्य और गुण-धर्म के आधार पर किया गया है। हम यहाँ कुछ प्रमुख देवताओं के विषय में जाकारी प्राप्त करेगें। ब्रह्मा 〰️〰️〰️ ब्रह्मा को जन्म देने वाला कहा गया है। विष्णु 〰️〰️ विष्णु को पालन करने वाला कहा गया है। महेश 〰️〰️〰️ महेश को संसार से ले जाने वाला कहा गया है। त्रिमूर्ति 〰️〰️〰️ भगवान ब्रह्मा-सरस्वती (सर्जन तथा ज्ञान), विष्णु-लक्ष्मी (पालन तथा साधन) और शिव-पार्वती (विसर्जन तथा शक्ति)। कार्य विभाजन अनुसार पत्नियां ही पतियों की शक्तियां हैं। इंद्र 〰️〰️ बारिश और विद्युत को संचालित करते हैं। प्रत्येक मन्वंतर में एक इंद्र हुए हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- यज्न, विपस्चित, शीबि, विधु, मनोजव, पुरंदर, बाली, अद्भुत, शांति, विश, रितुधाम, देवास्पति और सुचि। अग्नि 〰️〰️〰️ अग्नि का दर्जा इन्द्र से दूसरे स्थान पर है। देवताओं को दी जाने वाली सभी आहूतियां अग्नि के द्वारा ही देवताओं को प्राप्त होती हैं। बहुत सी ऐसी आत्माएं है जिनका शरीर अग्निरूप में है, प्रकाश रूप में नहीं।देबकी गुरु सूर्य 〰️〰️〰️ प्रत्यक्ष सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है तो इस नाम से एक देवता भी हैं। दोनों ही देवता हैं। कर्ण सूर्यपुत्र ही था। सूर्य का कार्य मुख्य सचिव जैसा है। सूर्यदेव जगत के समस्त प्राणियों को जीवनदान देते हैं। वायु 〰️〰️ वायु को पवनदेव भी कहा जाता है। वे सर्वव्यापक हैं। उनके बगैर एक पत्ता तक नहीं हिल सकता और बिना वायु के सृष्टि का समस्त जीवन क्षणभर में नष्ट हो जाएगा। पवनदेव के अधीन रहती है जगत की समस्त वायु। वरुण 〰️〰️ वरुणदेव का जल जगत पर शासन है। उनकी गणना देवों और दैत्यों दोनों में की जाती है। वरुण को बर्फ के रूप में रिजर्व स्टॉक रखना पड़ता है और बादल के रूप में सभी जगहों पर आपूर्ति भी करना पड़ती है। यमराज 〰️〰️〰️ यमराज सृष्टि में मृत्यु के विभागाध्यक्ष हैं। सृष्टि के प्राणियों के भौतिक शरीरों के नष्ट हो जाने के बाद उनकी आत्माओं को उचित स्थान पर पहुंचाने और शरीर के हिस्सों को पांचों तत्व में विलीन कर देते हैं। वे मृत्यु के देवता हैं। कुबेर 〰️〰️ कुबेर धन के अधिपति और देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। मित्र 〰️〰️ मित्र देव और देवगणों के बीच संपर्क का कार्य करते हैं। वे ईमानदारी, मित्रता तथा व्यावहारिक संबंधों के प्रतीक देवता हैं। कामदेव 〰️〰️〰️ कामदेव और रति सृष्टि में समस्त प्रजनन क्रिया के निदेशक हैं। उनके बिना सृष्टि की कल्पना ही नहीं की जा सकती। पौराणिक कथानुसार कामदेव का शरीर भगवान शिव ने भस्म कर दिया था अतः उन्हें अनंग (बिना शरीर) भी कहा जाता है। इसका अर्थ यह है कि काम एक भाव मात्र है जिसका भौतिक वजूद नहीं होता। अदिति और दिति 〰️〰️〰️〰️〰️ अदिति और दिति को भूत, भविष्य, चेतना तथा उपजाऊपन की देवी माना जाता है। धर्मराज और चित्रगुप्त 〰️〰️〰️〰️〰️〰️ संसार के लेखा-जोखा कार्यालय को संभालते हैं और यमराज, स्वर्ग तथा नरक के मुख्यालयों में तालमेल भी कराते रहते हैं। अर्यमा या अर्यमन 〰️〰️〰️〰️〰️ यह आदित्यों में से एक हैं और देह छोड़ चुकी आत्माओं के अधिपति हैं अर्थात पितरों के देव। गणेश 〰️〰️ शिवपुत्र गणेशजी को देवगणों का अधिपति नियुक्त किया गया है। वे बुद्धिमत्ता और समृद्धि के देवता हैं। विघ्ननाशक की ऋद्धि और सिद्धि नामक दो पत्नियां हैं। कार्तिकेय 〰️〰️〰️ कार्तिकेय वीरता के देव हैं तथा वे देवताओं के सेनापति हैं। उनका एक नाम स्कंद भी है। उनका वाहन मोर है तथा वे भगवान शिव के पुत्र हैं। दक्षिण भारत में उनकी पूजा का प्रचलन है। इराक, सीरिया आदि जगहों पर रह रहे यजीदियों को उनकी ही कौम का माना जाता है, जो आज दरबदर हैं। देवऋषि नारद 〰️〰️〰️〰️ नारद देवताओं के ऋषि हैं तथा चिरंजीवी हैं। वे तीनों लोकों में विचरने में समर्थ हैं। वे देवताओं के संदेशवाहक और गुप्तचर हैं। सृष्टि में घटित होने वाली सभी घटनाओं की जानकारी देवऋषि नारद के पास होती है। हनुमान 〰️〰️〰️ देवताओं में सबसे शक्तिशाली देव रामदूत हनुमानजी अभी भी सशरीर हैं। उन्हें चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। वे पवनदेव के पुत्र हैं। बुद्धि और बल देने वाले देवता हैं। उनका नाम मात्र लेने से सभी तरह की बुरी शक्तियां और संकटों का खात्मा हो जाता है। देवताओं के नाम का अर्थ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ईश्वर का उनके गुणों के आधार पर देववाची नामकरण किया गया है, जैसे - *अग्नि*- तेजस्वी। *प्रजापति*- प्रजा का पालन करने वाला। *इन्द्र-* ऐश्वर्यवान। *ब्रह्मा*- बनाने वाला। *विष्णु-* व्यापक। *रुद्र-* भयंकर। *शिव*- कल्याण कारक। *मातरिश्वा*- अत्यंत बलवान। *वायु-* वेगवान। *आदित्य*- अविनाशी। *मित्र*- मित्रता रखने वाला। *वरुण*- ग्रहण करने योग्य। *अर्यमा*- न्यायवान। *सविता-*उत्पादक। *कुबेर-* व्यापक। *वसु-* सब में बसने वाला। *चंद्र*- आनंद देने वाला। *मंगल*- कल्याणकारी। *बुध-* ज्ञानस्वरूप। *बृहस्पति*- समस्त ब्रह्माण्डों का स्वामी। *शुक्र -* पवित्र। *शनिश्चर*- सहज में प्राप्त होने वाला। *राहु-* निर्लिप्त। *केतु*- निर्दोष। *निरंजन-* कामनारहित। *गणेश*- प्रजा का स्वामी। *धर्मराज*- धर्म का स्वामी। *यम-* फलदाता। *काल-* समय रूप। *शेष*- उत्पत्ति और प्रलय से बचा हुआ। *महादेव भोले शंकर*- कल्याण करने वाला। साभार~ पं देव शर्मा💐 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ #Tirthyatraa #🎬 ભક્તિ વીડિયો #jay sarangpur hanuman# today darshan # jay hanu man# #હનુમાન #🙏હિન્દૂ દેવી-દેવતા🌺
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