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#✍️ अनसुनी शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - सबकी नक़ल की जा सकती है लेकिन ' ज्ञान और संस्कार की नहीं ! af; I 79 7ೈ I AKASNI सबकी नक़ल की जा सकती है लेकिन ' ज्ञान और संस्कार की नहीं ! af; I 79 7ೈ I AKASNI - ShareChat

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