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#पूजन विधि
पूजन विधि - Goddess Kalaraui Favourite Flower Night blooming Jasmine ( रात की रानी) Mantra देवी कालरात्र्ये नमः। Prarthana एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता  लम्योष्ठी कर्णिकाकर्णी तेलाभ्यक्त शरीरिणी। यामपारोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा मूर्थध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भपङ्करी ।  444 Stutl या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्य नमस्तस्य नमस्तस्य नमो नमः।। Dhyana मुक्तकेशी  चतुर्भुजाम्। करालवन्टना घोरा कालरात्रिम् करालिका दिव्याम् विद्युतमाला विभूषिताम्।  दिव्यम् लोहवज खड्ग यामोपोर्व कराम्युजाम।  पार्णिकाम् मम्। अभयम वरदाम् चेव दक्षिणोध्वाघ महामेघ प्रभाम् श्यामाम् तक्षा चेव गर्दभारूढा। " पोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत प््योथराम। सुख पप्रसन्न चदना स्मेरान्न सरोरूहाम्। एवम् सचियन्तयेत् कालरात्रिम् सर्वकाम् समृध्दिदाम्।।  Stotra कालरात्रिश्री कराली क्लीं कल्याणी कलावती| कुपान्विता।।  कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कामवीजजपान्दा कमवीजस्वरूपिणी।  कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी।।  कुमतिष्नी ब्ली हीश्री मनवर्णन कालकण्टकपातिनी।  कृषाथारा कृपापारा कृपागमा।। कृषामयी Kavacha ऊँ क्लीं मे हृदयम् पातु पाटौ श्रीकालरात्रि। ललाटे सततम् पातु तुष्टग्रह निवारिणी।।  रसनाम् पातु कौमारी, भैरवी  चक्षुषोर्भम।  कटो पृष्ठे महेशानी, कर्णोशङ्करभामिनी। वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि। तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी।।  Aartl कालरात्रि जय जय महाकाली| काल के मुह से बचाने चाली।।  संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतारा।  सारा। महाकाली हे तेरा पसारा।। और आकाश पृथ्वी  खड्ग खप्पर रखने वाली। द्ुष्टों का लहू चखने वाली।l  कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखू तेरा नजारा। तुम्हारी।  सभी देवता सय नरनारी। गावे स्तुति सरभी कृपा करे तो कोई भी दुःख ना।। रक्तदन्ता ओर সন্নপুণা [ ना कोई चिता रहेनायीमारी। ना कोई गमनासकट भारी।। उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली मा जिसे यचावे। तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि मा तेरी जय।।  Goddess Kalaraui Favourite Flower Night blooming Jasmine ( रात की रानी) Mantra देवी कालरात्र्ये नमः। Prarthana एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता  लम्योष्ठी कर्णिकाकर्णी तेलाभ्यक्त शरीरिणी। यामपारोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा मूर्थध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भपङ्करी ।  444 Stutl या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्य नमस्तस्य नमस्तस्य नमो नमः।। Dhyana मुक्तकेशी  चतुर्भुजाम्। करालवन्टना घोरा कालरात्रिम् करालिका दिव्याम् विद्युतमाला विभूषिताम्।  दिव्यम् लोहवज खड्ग यामोपोर्व कराम्युजाम।  पार्णिकाम् मम्। अभयम वरदाम् चेव दक्षिणोध्वाघ महामेघ प्रभाम् श्यामाम् तक्षा चेव गर्दभारूढा। " पोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत प््योथराम। सुख पप्रसन्न चदना स्मेरान्न सरोरूहाम्। एवम् सचियन्तयेत् कालरात्रिम् सर्वकाम् समृध्दिदाम्।।  Stotra कालरात्रिश्री कराली क्लीं कल्याणी कलावती| कुपान्विता।।  कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कामवीजजपान्दा कमवीजस्वरूपिणी।  कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी।।  कुमतिष्नी ब्ली हीश्री मनवर्णन कालकण्टकपातिनी।  कृषाथारा कृपापारा कृपागमा।। कृषामयी Kavacha ऊँ क्लीं मे हृदयम् पातु पाटौ श्रीकालरात्रि। ललाटे सततम् पातु तुष्टग्रह निवारिणी।।  रसनाम् पातु कौमारी, भैरवी  चक्षुषोर्भम।  कटो पृष्ठे महेशानी, कर्णोशङ्करभामिनी। वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि। तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी।।  Aartl कालरात्रि जय जय महाकाली| काल के मुह से बचाने चाली।।  संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतारा।  सारा। महाकाली हे तेरा पसारा।। और आकाश पृथ्वी  खड्ग खप्पर रखने वाली। द्ुष्टों का लहू चखने वाली।l  कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखू तेरा नजारा। तुम्हारी।  सभी देवता सय नरनारी। गावे स्तुति सरभी कृपा करे तो कोई भी दुःख ना।। रक्तदन्ता ओर সন্নপুণা [ ना कोई चिता रहेनायीमारी। ना कोई गमनासकट भारी।। उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली मा जिसे यचावे। तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि मा तेरी जय।। - ShareChat

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