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#सुविचार एवं अनमोल वचन
सुविचार एवं अनमोल वचन - ओम नमो नाशयणाय !! सुमति सब कें उर रहहीं , कुमति पुरान निगम अस कहहीं , नाथ तहँ संपति नाना, जहाँ ٩ तहँ बिपति निदाना जहाँ कुमति विभीषण जी रावण से कहते है कि हे नाथ! पुराण और वेद ऐसा कहते हैं कि सुबुद्धि अच्छी बुद्धि) और कुबुद्धि खोटी बुद्धि सबके हृदय में रहती है॰ जहाँ सुबुद्धि है, वहाँ नाना प्रकार की संपदाएँ (सुख की स्थिति) रहती हैं और जहाँ कुबुद्धि है वहाँ परिणाम में विपत्ति (दुःख) अर्थात अच्छाई और 8, रहती बुराई सबके अंदर रहती है परन्तु यह यह हम पर है कि हम किसे अधिक महत्व देते है अगर हम को महत्व बुराई देंगे तो हमारा पतन ही होगा और अगर हम अच्छाई की ओर बढ़ेंगे तो सब प्रकार से मंगल ही मंगल है ओम नमो नाशयणाय !! सुमति सब कें उर रहहीं , कुमति पुरान निगम अस कहहीं , नाथ तहँ संपति नाना, जहाँ ٩ तहँ बिपति निदाना जहाँ कुमति विभीषण जी रावण से कहते है कि हे नाथ! पुराण और वेद ऐसा कहते हैं कि सुबुद्धि अच्छी बुद्धि) और कुबुद्धि खोटी बुद्धि सबके हृदय में रहती है॰ जहाँ सुबुद्धि है, वहाँ नाना प्रकार की संपदाएँ (सुख की स्थिति) रहती हैं और जहाँ कुबुद्धि है वहाँ परिणाम में विपत्ति (दुःख) अर्थात अच्छाई और 8, रहती बुराई सबके अंदर रहती है परन्तु यह यह हम पर है कि हम किसे अधिक महत्व देते है अगर हम को महत्व बुराई देंगे तो हमारा पतन ही होगा और अगर हम अच्छाई की ओर बढ़ेंगे तो सब प्रकार से मंगल ही मंगल है - ShareChat

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