🌅 प्रभात की मुस्कान
सूरज की लाली जब छा जाती,
सारी दुनिया को जगाती।
पंछी कलरव गीत सुनाएँ,
फूल सुबह की खुशबू लाएँ।
धीरे-धीरे नींद हटे,
बच्चे पलंग से कूद पड़े।
माँ की आवाज़ प्यारी लगे,
सपनों से जगना अच्छा लगे।
हाथ-मुँह धोकर ताजगी पाएँ,
नया जोश दिल में समाएँ।
नाश्ता करके मन खिल जाए,
ज्ञान की राह पर कदम बढ़ाए।
बैग किताबों से भर जाते,
आशा के दीप मन में जलाते।
विद्यालय की ओर वो चल पड़ते,
सपनों के आँगन में कदम धरते।
सुबह का संदेश यही बताता,
हर दिन नयी शुरुआत लाता।
सुप्रभात की मीठी तान,
जीवन बने एक सुंदर गान।
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-Dharmendra
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